बुधवार, 10 जुलाई 2013

उतरा खंड फौजी

फौजी भाई लोग तोहरा लोगन के सलामआज सबका सामने आ गइल  हाल  तमाम

देख लीं सभे सेनानियन  के कमाल
जान आपन  जोखिम में डाल  बचावतरण  राउर जानमाल
सब आपदा में बोलावल जाला  फौजियन के
चाहे तबाही समुन्द्र के आकाश के चाहे पहाडियन  के
सीना तान  के खड़ा बाडन सेवारत या  सेनानी
देस या देसबासी  के रक्षा में  जान के परवाह ना  करस सेना   
पहिलका सुनामी में नाविक और वायु सैनिंक बचवलन दक्षिण भारत के
आज के पहाड़ी बरबादी  में  थल और वायु सैनिक बचवलन  पहाड़ के
चीन पाकिस्तान त  ड़रैबे  करेलन  हिंदुस्तानी फ़ौज से
आब त  भगवानो डेरा तारन एह देस के  बहादुर जवान से
जहाँ  सेना पहुँच जाई मिट जाई तबाही के नाम भी
सड़क बनाई  लोंग पुल बनाई  रसी  के साथ भी
बचा  लिहें सबका के  उडनखटोला उडा के
देखतानी नु बीस जाना के क़ुरबानी भी देके
धन्य उ माई बाप ज़ेकर  रहलन उ  लाल
फौजियन के साथ साथ उनका के भी सलाम
फौजी भाई लोग रउरा लोगन के  सलाम
देस के  अरबो  करोर  लोगन के सलाम

नेता सब भग्लन केदार तथा  देवभूमि से
लेकिन इनका के भगाइं पहाड़ी जमीं से

आईं जा हम सभे मिल के सैनिकन के जय जय कार  करीं
इनका साथे इनका परिवार के तिरस्कार न इज्जत करीं
इनका  और कुछ न चाहीं, ना बा कौनो महत्वाकांक्षा
सारा हिंदुस्तान के लोग के प्यार पावे के बा इक्छा

केतना हजार बर्ग  किलो मीटर में फैलल  तीर्थयात्री
सबका के निकाले के, खाना खिलावे के बा जिमेवारी
 लागल बाडन  ८ ५ 0  जवान  निकाले  में खिलावे में
बिस्वास रखी हो जाई  काम दू चारे दिन में
पूरा होई उदेश्य हम न सारा देश कहता
जे लौट के आवता  ओकर आसिरबाद कहता

वायुसैनिक या सैनिक पीछे हटे  के तैयार  नइखन
विना  रनवे के हवाई जहाज और हेलीकाफ्टर  उतारतारन
जान जाई  त  जाई  तीर्थ यात्रियन  के बचाव तारन
देवभूमि में भी आपन  कर्तब्य निभावतारन
 
बहुत् गुना  भी भग्लन, नेता भी भगलन और मंत्री भी भगलन
जले काम नो पूरा होई  सेनानी वहां से न हटीहन
देस के प्रति प्रेम भैल्ला पर ऐसन जज्बात उम्ड़ेला
ऐ सी में बैठके काफी पिएल्ला  से देस से प्यार न आवेला
देवभूमि के फिर देवभूमि  बनावे के प्रोग्राम बा
भगवान  भी हार मनिहें  इ सेना के प्रतिज्ञा  बा   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें