अजब बात गजब बात
दिल्ली में काहे होता इ वारदात
दिसंबर १२ छोड़ दि जा अप्रैल १३ में आईं
गोदी में खेले वाली के वहसी ऐतना सताई
विश्वास नइखे होत भारतबर्ष में ई होत बा
लेकिन जब मिडिया में देखावल जाता
त विश्वास करहीं के पडता
पहले नारी के मानल जात रहे सुकुमार
लेकिन अब इनका मन के बनाईं ताकतवार
गाँधी बाबा के थ्योरी छोड़ दीं अब एक मरला पर चार मारी
इहे बात सिखावला के अब करी तैयारी
हमनी के त उमर पाक गइल बा
लड़कियन के समझावे के बात बा
लड़कियन के मजबूत बनावे के पडी
अपना परिवार के संभाले के पडी
नारी जाती के सम्मान से हि देश के सम्मान बा
ई बात पुरुष जाती के समझे के पडी
दिल्ली में काहे होता इ वारदात
दिसंबर १२ छोड़ दि जा अप्रैल १३ में आईं
गोदी में खेले वाली के वहसी ऐतना सताई
विश्वास नइखे होत भारतबर्ष में ई होत बा
लेकिन जब मिडिया में देखावल जाता
त विश्वास करहीं के पडता
पहले नारी के मानल जात रहे सुकुमार
लेकिन अब इनका मन के बनाईं ताकतवार
गाँधी बाबा के थ्योरी छोड़ दीं अब एक मरला पर चार मारी
इहे बात सिखावला के अब करी तैयारी
हमनी के त उमर पाक गइल बा
लड़कियन के समझावे के बात बा
लड़कियन के मजबूत बनावे के पडी
अपना परिवार के संभाले के पडी
नारी जाती के सम्मान से हि देश के सम्मान बा
ई बात पुरुष जाती के समझे के पडी
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