पुरनका जमाना में गोरकन के आवै के पाहिले देस रहे सोने की चिडिया
इहे पढ़ावल गइल रहे सम्झावल गइल रहे की हमनी के देस रहे सोना की चिडिया
ओकरा पहिले भी लुटा इल रहनी जा अपना कमजोरी से
मोगल सासन में अपने ही सपुतन के गद्दारी से
फेर आपस में फुट पडल बन गइलन जयचंद जैसन गद्दार
लुटा दिहलन माल, असबाब, बहिन बेटी मानसिंह जैसन समझदार
मोगल के रहते रहते आ गैले जा अंग्रेज बयापारी
ड़ीभाईड एंड रूल निति से कब्ज़ा कैलन हिंदुस्तान सारी
धीरे धीरे फोड़त और लडत, गोरा बयापारी बन गइलन शाषणधिकारी
200 साल ले हमनी पर राज कैलन, सभे जन्ता जानता केतना कैलंन अत्याचारी
अब फेर कांग्रेसी सरकार ले आवतरण बना के ऍफ़ डी आई बयापारी
खा जैहन बांचल खुचल सारी, मारल जइहन छोटका कारोबारी
हमनी के आपस के फुट देख के गोरन हिन्दुस्तान पर राज करे लगलन
ओहिसहीं ई भी करिहन सरकारी च्म्चन के मिलाके लुटे लागिहन
अभी त बड़का बड़का गद्दार देसी कम विदेसी ज्यादा भरल बाडन
जब ऐसन ऐसन नेता विदेस के जनमल उच्च उच्च पद पर बाडन
हिंदुस्तानी सपूत के राष्ट्रवादि विचार धारा केहू न मनिहन
विदेसियन के चमचा अपना तुच्छ भलाई खातिर केहू के ना सुनिहन
देखत रहीं जा औरो कवनो उपाय नइखे
ब्यवस्था बदले के सिवा और कौनो रास्ता नइखे
मई में इलेक्शन आई वोट देके देश बंचाई
शत प्रतिशत वोट देके देश बचाइं
इहे पढ़ावल गइल रहे सम्झावल गइल रहे की हमनी के देस रहे सोना की चिडिया
ओकरा पहिले भी लुटा इल रहनी जा अपना कमजोरी से
मोगल सासन में अपने ही सपुतन के गद्दारी से
फेर आपस में फुट पडल बन गइलन जयचंद जैसन गद्दार
लुटा दिहलन माल, असबाब, बहिन बेटी मानसिंह जैसन समझदार
मोगल के रहते रहते आ गैले जा अंग्रेज बयापारी
ड़ीभाईड एंड रूल निति से कब्ज़ा कैलन हिंदुस्तान सारी
धीरे धीरे फोड़त और लडत, गोरा बयापारी बन गइलन शाषणधिकारी
ईस्ट इंडिया कम्पनी बन गइल ब्रिटेन महारनी के उतराधिकारी
बन के वुहो आयलं रहलन सन बयापारी, लुट लह्लन देस के सोना चांदी सारी 200 साल ले हमनी पर राज कैलन, सभे जन्ता जानता केतना कैलंन अत्याचारी
अब फेर कांग्रेसी सरकार ले आवतरण बना के ऍफ़ डी आई बयापारी
खा जैहन बांचल खुचल सारी, मारल जइहन छोटका कारोबारी
हमनी के आपस के फुट देख के गोरन हिन्दुस्तान पर राज करे लगलन
ओहिसहीं ई भी करिहन सरकारी च्म्चन के मिलाके लुटे लागिहन
अभी त बड़का बड़का गद्दार देसी कम विदेसी ज्यादा भरल बाडन
जब ऐसन ऐसन नेता विदेस के जनमल उच्च उच्च पद पर बाडन
हिंदुस्तानी सपूत के राष्ट्रवादि विचार धारा केहू न मनिहन
विदेसियन के चमचा अपना तुच्छ भलाई खातिर केहू के ना सुनिहन
देखत रहीं जा औरो कवनो उपाय नइखे
ब्यवस्था बदले के सिवा और कौनो रास्ता नइखे
मई में इलेक्शन आई वोट देके देश बंचाई
शत प्रतिशत वोट देके देश बचाइं